baglamukhi shabar mantra - An Overview



उपर दिए सभी विवादों में बगलामुखी मंत्र साधना कारगर साबित होती है।

ॐ सौ सौ सुता समुन्दर टापू, टापू में थापा, सिंहासन पीला, सिंहासन पीले ऊपर कौन बैसे? सिंहासन पीला ऊपर बगलामुखी बैसे। बगलामुखी के कौन संगी, कौन साथी? कच्ची बच्ची काक कुतिआ स्वान चिड़िया। ॐ बगला बाला हाथ मुदगर मार, शत्रु-हृदय पर स्वार, तिसकी जिह्ना खिच्चै। बगलामुखी मरणी-करणी, उच्चाटन धरणी , अनन्त कोटि सिद्धों ने मानी। ॐ बगलामुखीरमे ब्रह्माणी भण्डे, चन्द्रसूर फिरे खण्डे-खण्डे, बाला बगलामुखी नमो नमस्कार।

बगलामुखी मूल मंत्र का जाप करने का सर्वोत्तम समय

सूर्य मंत्र चंद्र मंत्र मंगल मंत्र बुद्ध मंत्र बृहस्पति मंत्र शुक्र मंत्र शनि मंत्र राहु मंत्र केतु मंत्र

साधना अष्टमी को एक दीपक में सरसों के तेल या मीठे तेल के साथ श्मशान में छोड़े हुए वस्त्र की बत्ती बनाकर जलाएं। विशेष दीपक को उड़द की दाल के ऊपर रखें। फिर पीला वस्त्र पहनकर और पीला तिलक लगा कर हल्दी से उसकी पूजा करें। पीले पुष्प चढ़ाएं और दीपक की लौ में भगवती का ध्यान कर बगलामुखी के मंत्र का एक हजार बार तीनों शाबर मत्रं से किसी भी एक का जप करें।तथा मद्य और मांस का भोग लगाएं।

कम्बु-कण्ठीं सु-ताम्रोष्ठीं, मद-विह्वल-चेतसाम् ।

Vipreet Pratyangira Prayog sends back again the evil spirts, tantra-mantra prayogs and eliminating the wicked and frees devotees from all of the miseries.

पिङ्गोग्रैक-सुखासीनां, मौलावक्षोभ्य-भूषिताम् । प्रज्वलत्-पितृ-भू-मध्य-गतां दन्ष्ट्रा-करालिनीम्।

अथर्वा प्राण सूत्र् टेलीपैथी व ब्रह्मास्त्र प्रयोग्

बालां सत्स्रेक-चञ्चलां मधु-मदां रक्तां जटा-जूटिनीम् ।। शत्रु-स्तम्भन-कारिणीं शशि-मुखीं पीताम्बरोद् भासिनीम् ।

Require A fast Question Contact us using your identify, e mail and cell amount and get replied with professional guidance and remedies.

शमशान में अगर प्रयोग करना है तब गुरू मत्रं प्रथम व रकछा मत्रं तथा गूड़सठ विद्या होने पर गूड़सठ क्रम से ही प्रयोग करने पर click here शत्रू व समस्त शत्रुओं को घोर कष्ट का सामना करना पड़ता है यह प्रयोग शत्रुओं को नष्ट करने वाली प्रक्रिया है यह क्रिया गुरू दिक्षा के पश्चात करें व गुरू क्रम से करने पर ही विशेष फलदायी है साघक को बिना छती पहुँचाये सफल होती है।

अमुक (अपना नाम दें) दास को तुरत उबारो, बैरी का बल छिन लो सारो, निर्दयी दुष्टों को तुम्हीं संघारो,

बगलामुखी मूल मंत्र का जप करने से शत्रु का खतरा टल जाता है और भक्त आनंद से भर जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *